Rajesh rajesh

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लेखनी प्रतियोगिता -28-Feb-2023 चार दोस्त

रवि शंकर के तीन दोस्त भी उसके पड़ोसी थे। रवि शंकर यूपी मे मथुरा का रहने वाला था। उसका एक दोस्त गोवा दूसरा दोस्त कश्मीर तीसरा दोस्त पंजाब का रहने वाला था। रवि शंकर का परिवार और उसके तीनों दोस्तों का परिवार आपस में मिलजुल कर प्यार मोहब्बत से रहते थे। और एक दूसरे के दुख सुख को अपना दुख सुख समझते थे।


जब भी किसी भी दोस्त के धर्म का त्यौहार आता था जैसे दीपावली क्रिसमस डे गुरु नानक जयंती या ईद तो चारों दोस्त मिलजुल कर प्यार मोहब्बत से मनाते थे। और अपने दोस्त के साथ उसके त्यौहार के आने की तैयारी में खुद भी जुड़ जाते थे। इन चारों दोस्तों का मिलजुल कर प्यार मोहब्बत से रहना पूरे मोहल्ले में मशहूर था।
इन चारों दोस्तों की वजह से मोहल्ले वाले भी मिलजुल कर आपस में प्यार मोहब्बत से रहते थे। और मोहल्ले के युवक इनके जैसा बनना चाहते थे।
इनके मोहल्ले में अगर किसी भी परिवार पर कोई संकट आ जाता था तो यह चारों दोस्त मदद करने से पीछे नहीं हटते थे। और उस व्यक्ति का तन मन धन से पूरा साथ देते थे। इसलिए इन चारों दोस्तों की वजह से मोहल्ले में बहुत सुख शांति थी।
 एक दिन रवि शंकर को अपनी मौसी की बेटी की शादी में अपने परिवार के साथ गांव जाना पड़ता है। 
 रवि शंकर के गांव जाने के बाद तीनों दोस्त भी अपने अपने परिवार के साथ अपने अपने गांव घूमने चले जाते हैं। क्योंकि इनमें से एक भी दोस्त नहीं होता था तो इनका मन नहीं लगता था। 
दो महीने के बाद यह चारों दोस्त जब अपने मोहल्ले में आते हैं तो यह देख कर बहुत दुखी होते है कि मोहल्ले में दंगे फसाद का माहौल बना हुआ है। मोहल्ले के लोग एक दूसरे को लाठी-डंडों तलवारों चाकू से मारने काटने के लिए तैयार थे। वह पहले जैसा प्यार मोहब्बत का माहौल बिल्कुल खत्म हो चुका था।
 और इन चारों दोस्तों की नजर दो अजनबी व्यक्तियों पर पड़ती है। वह दोनों व्यक्ति इन चारों दोस्तों के बाद किराए पर इनके मोहल्ले में नए-नए रहने आए थे।
यह चारों दोस्त पढ़े-लिखे समझदार सुलझे हुए युवक थे। यह चारों दोस्त इन दोनों व्यक्तियों को देखकर समझ जाते हैं कि यह दोनों व्यक्ति साधारण नहीं है, और शायद इन दोनों व्यक्तियों ने ही हमारे मोहल्ले में दंगा करवाया है। 
और यह चारों दोस्त मोहल्ले के लोग को इकट्ठा करके इन दोनों व्यक्तियों को पकड़ लेते हैं और उनसे दंगे फसाद कैसे शुरू हुआ यह सारी जानकारी लेते हैं।
 यह दोनों व्यक्ति चारों दोस्तों के दबाव में आकर सच बताते हैं कि हमें मोहल्ले में दंगा फसाद करवाने के लिए बहुत पैसा दिया गया था।
 और यह चारों दोस्त मोहल्ले वालों के साथ मिलकर उन दोनों युवकों को पुलिस के हवाले कर देते हैं। और उन दोनों युवकों से चारों दोस्त मोहल्ले वालों के सामने कहते हैं कि हम "सब एक ही डाल पर रहने वाले हैं। हमे दुनिया की कोई भी ताकत अलग नहीं कर सकती है।"
और इस घटना के बाद उन चारों दोस्तों और पूरे मोहल्ले में प्यार प्रेम भाईचारा और ज्यादा बढ़ जाता है।

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6 Comments

Sant kumar sarthi

06-Mar-2023 12:43 PM

शानदार

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अदिति झा

02-Mar-2023 08:47 PM

Nice 👍🏼

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Alka jain

01-Mar-2023 06:11 PM

Nice

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